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1 सितम्बर को देश के 5 लाख से अधिक विद्यालयों में मनाया जाएगा “हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम, लाखों विद्यार्थी एवं शिक्षकों द्वारा लिया जाएगा साझा संकल्प


लखनऊ। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तत्वाधान में 1 सितम्बर 2025 को देश भर के तीन लाख से अधिक स्कूलों में “हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। 
        कार्यक्रम की तैयारी हेतु राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ महासंघ उत्तर प्रदेश द्वारा आभासी पटल ज़ूम पर प्राथमिक व माध्यमिक संवर्ग की प्रथक-प्रथक ऑनलाइन बैठकें आहूत की गयीं जिसकी अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष प्रो. संजय मेधावी ने की व संचालन क्रमश: “हमारा विद्यालय-हमारा तीर्थ” के अखिल भारतीय आयाम प्रमुख भगवती सिंह व माध्यमिक संवर्ग के प्रदेश महामंत्री डॉ संतोष कुमार शुक्ल ने किया। प्रदेशीय मंत्री प्रदीप तिवारी द्वारा बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों का परिचय दिया गया।  
       अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने अपने उद्बोधन में कहा कि एबीआरएसएम द्वारा आगामी 1 सितंबर 2025 को “हमारा विद्यालय-हमारा तीर्थ” आयाम के अन्तर्गत एक विशाल राष्ट्रव्यापी संकल्प अभियान "हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान" चलाया जाएगा। इस दिन देश भर में 5 लाख से अधिक विद्यालयों में एक साथ शिक्षकगण और छात्रगण पाँच संकल्पों की शपथ लेंगे, जिनका उद्देश्य होगा भारत के वैभवशाली निर्माण में सहभागी बनना एव विद्यालय को गर्व का स्थान मानना तथा नैतिक शिक्षा और सेवा भावना को अपनाना, राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का निर्वहन करना व छात्रों के समग्र विकास के लिए समर्पित होना।
         अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. नारायण लाल गुप्ता ने दिनाँक 1 सितम्बर 2025 को विद्यालय स्तर होने वाले कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की व कार्यक्रम से पहले की तैयारियों व बाद में कार्यक्रम के फोटोग्राफ, वीडियो आदि सामग्री का रिकार्ड सुरक्षित रखने व उसे एबीआरएसएम को उसी दिन प्रेषित करने के लिए कहा गया। 
       प्रदेश अध्यक्ष प्रो. संजय मेधावी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि उक्त कार्यक्रम की सफलता हेतु उत्तर प्रदेश राज्य पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपेक्षा की कि हमेशा की तरह पूरे उत्साह व लगन से अभियान को सफल बनाने हेतु प्रत्येक विद्यालय में सम्पर्क करें। उन्होंने आशा की कि उत्तर प्रदेश 1 सितम्बर को भारत में सबसे अधिक कार्यक्रम कराने वाला राज्य बनेगा।
       प्रदेश महामंत्री जोगेन्द्र पाल सिंह ने कहा कि यह कार्यक्रम राष्ट्रीय पुननिर्माण एवं शैक्षिक उन्नयन की दिशा में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का ऐतिहासिक क्रांतिकारी प्रयास है। हम सबके सामूहिक प्रयास से यह सांझा संकल्प भारत के शैक्षिक जगत की दिशा व दशा बदलने वाला एवं विकसित भारत 2047 की नींव का पत्थर सिद्ध होगा। 
      प्रदेश उपाध्यक्ष शिवशंकर सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्रतिवर्ष गुरुवंदन, कार्यबोध जैसे कार्यक्रम करता है जिससे उसकी छवि अन्य संगठनों से भिन्न है। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एक वैचारिक संगठन के रूप में जाना जाता है। हमारा संगठन "राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक और शिक्षक के हित में समाज" के ध्येय को लेकर कार्य करने वाला संगठन है। शिक्षक समस्याओं के समाधान के साथ ही समाज में शिक्षकों की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुन: अर्जित करने का कार्य संगठन कर रहा है। प्राथमिक संवर्ग के पदाधिकारियों को जब भी कोई जिम्मेदारी दी गयी है वो पूरे मनोयोग से करते आये हैं। उन्होंने काह कि प्राथमिक संवर्ग उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी महती भूमिका निभायेगा। 
         प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ अनूप शर्मा ने कहा कि शिक्षक होना मात्र एक पेशा नहीं है शिक्षक के पास राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी होती है। भारत का अतीत गौरवशाली रहा है। भारत में प्राचीन काल से ही शिक्षा के कई महवपूर्ण केंद्र रहे हैं। नालंदा, तक्षशिला, विक्रमशिला आदि जिसके प्रमुख उदाहरण है।  
“हमारा विद्यालय-हमारा तीर्थ” उत्तर प्रदेश के आयाम प्रमुख शशांक कुमार पाण्डेय ने कहा कि “हमारा विद्यालय-हमारा स्वाभिमान” कार्यक्रम से समाज में जागरूकता का संचार होगा और शिक्षकों के प्रति समाज का दृष्टिकोण बदलेगा। छात्रों में राष्ट्रप्रेम की भावना पैदा करने व चरित्र निर्माण में यह कार्यक्रम अपनी महती भूमिका निभायेगा। 
      अंत में प्रदेश महामंत्री जोगेन्द्र पाल जी ने सभी का आभार व्यक्त किया और व प्रदेशीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ कमल कौशिक ने कल्याण मन्त्र के साथ बैठक के समापन की घोषणा की। 
       बैठक में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष आदरणीय महेंद्र कुमार जी, डॉ निर्मला यादव, डॉ० आयाम सह-प्रमुख  डॉ अशोक कुमार द्विवेदी, जय सिंह चंदेल, सुयश शुक्ला, गजाधर सिंह, प्रदेश कोषाध्यक्ष नीलमणि त्रिपाठी, नरेंद्र पस्तोर, डॉ श्वेता, रविन्द्र पंवार, दया शंकर उपाध्याय, बृजेश श्रीवास्तव, डॉ बजरंग बहादुर आदि प्रदेशीय पदधिकारियों सहित सभी जिलों के संयोजक व सह संयोजक उपस्थित रहे।

                     

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