▪️डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति को किया गया स्थगित
▪️ समिति गठित कर दो माह में समस्याओं को किया जायेगा निस्तारित
▪️शिक्षामित्रों व अनुदेशकों की मानदेय बढ़ोत्तरी व स्थानांतरण पर भी शासन शीघ्र लेगा निर्णय
लखनऊ। 16 जुलाई 2024
विगत दिनों राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश संगठन मंत्री माननीय महेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में संगठन ने डिजिटाइजेशन के कारण होने वाली समस्याओं को लेकर माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से मिलकर शिक्षकों की प्रमुख जमीनी समस्याओं सहित शिक्षकों के आक्रोश से अवगत कराया जिसके क्रम में कल दिनांक 15 जुलाई 2024 को शासन के आमंत्रण पर महानिदेशक श्रीमती कंचन वर्मा से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 6 सदस्यीय प्रदेश प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर वर्तमान व्यवस्था के साथ डिजिटाइजेशन की दोषपूर्ण लागू प्रक्रिया की खामियों को बिन्दुवार वृहद स्तर से बताते हुए समस्याओं के निस्तारण/समाधान के सुझाव भी दिए।
आज दिनाँक 16 जुलाई 2024 को प्रातः प्रदेश संगठन मंत्री माननीय महेंद्र कुमार जी के नेतृत्व में बेसिक शिक्षा मंत्री माननीय संदीप सिंह के आवास पर महासंघ के प्रतिनिधियों के साथ चली बैठक में तय हुआ कि फिलहाल डिजिटाइजेशन की वर्तमान प्रक्रिया तत्काल स्थगित की जाती है और एक समिति बनाकर 2 माह में धरातली कमियों को दूर कर समस्याओं को निस्तारित किया जाएगा तथा शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के मानदेय को बढ़ाया जाएगा। उनके स्थानांतरण पर भी शीघ्र ही शासन निर्णय ले रहा है। यह भी तय हुआ कि मान्य शिक्षक संगठनों से भी सुझाव लेकर समिति अपना प्रस्ताव शासन को भेजेगा माननीय मंत्री जी ने यह भी अवगत कराया कि आज 12:00 बजे सभी मान्य शिक्षक संगठनों की लोक भवन में मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन श्री मनोज कुमार के साथ बैठक में अधिकृत रूप से संगठनों के प्रतिनिधियों को इससे अवगत कराया जायेगा।
संगठन द्वारा निर्णय लिया गया है कि शासन द्वारा गठित की जा रही समिति की रिपोर्ट आने तक आंदोलन कार्यक्रम स्थगित किया जाता है। दो माह में समिति की रिपोर्ट आने के बाद संगठन द्वारा गुण-दोष के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी व रविंद्र पंवार मौजूद रहे।
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