राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश जनपद ललितपुर की समस्त ब्लाक इकाई - जखौरा / बिरधा/ बार / महरौनी / मड़ावरा / तालबेहट द्वारा शिक्षको की समस्याओं / मांगो से संबंधित ज्ञापन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी महो0 को संबोधित करते हुए खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सौंपा ।
जिसमे निम्न समस्याएं / मांगो के जल्द निस्तारण की मांग की गई -
1 - अनेकों शासनादेशों व दर्जनों विभागीय आदेशों के बाबजूद ब्लॉक संसाधन केन्द्रों / कार्यालयों में आधार सत्यापन के नाम पर निज लाभार्थ के लिए शिक्षको की लगाई गई समस्त अस्थाई ड्युटियों को तत्काल निरस्त कर समस्त शिक्षकों को शिक्षण कार्य हेतु मूल विद्यालय भेजा जाए।
कई ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर आधार संबंधी कार्य व मशीन संचालित नहीं है, फिर भी विगत कई वर्षों से निज लाभार्थ शिक्षको व अनुदेशकों की अस्थाई ड्यूटियां लगी हुई है एवम ये शिक्षक व अनुदेशक स्कूल समयावधि में व बाद में ब्लाक संसाधन केन्द्रों में बैठकर पूर्णरूपेण बाबूगिरी कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे है
एवम जिला व ब्लाक के अधिकारी शासन स्तर पर व उच्चस्थ विभागीय स्तर पर किसी भी शिक्षक / अनुदेशक की कार्यालयों में एक भी अस्थाई ड्यूटी नही लगी होने की पूर्णतः गलत सूचना दे रहे है।
जो पूर्णतः गलत एवम शासनादेशो व विभागीय आदेशों के विरुद्ध है
विषयवार अनुदेशकों की नियुक्तियां विद्यालयों में बच्चो को विषय विशेष की शिक्षा देने हेतु की गई है जिसके एवज में उनको शासन से मानदेय का भुगतान होता है, किन्तु ब्लाको में खंड शिक्षा अधिकारी निज लाभार्थ भ्रष्टाचार के चलते अनुदेशकों की ड्यूटियां ब्लाक संसाधन केन्द्रों पर लगाए हुए है, जिससे छात्र / छात्राएं कई वर्षो से शिक्षा से वंचित हो रहे है।
अतः अस्थाई ड्यूटियां लगाने वाले अधिकारियों तथा कार्यालय में बैठाकर कार्यालय गोपनीय विभागीय कार्य कराने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही कर, विगत कई वर्षो से अस्थाई ड्यूटी में लगे शिक्षको व अनुदेशकों के वेतन / मानदेय की रिकवरी की जाए,
क्योंकि इनको वेतन / मानदेय बच्चो के शिक्षण कार्य का मिलता है कार्यालय में बैठकर बाबूगिरी करने का नही।
2 - कम्पोजिट विद्यालयों की व्यय धनराशि के आडिट होने व खंड शिक्षा अधिकारियों के अवलोकित करने के बाद भी बार बार निरीक्षण में जांच कर शिक्षको के विरुद्ध कार्यवाही नही कर शिक्षको का कदापि शोषण नही किया जाए।
3 - विद्यालयों के निरीक्षण शासन की मंशा के अनुरूप सिर्फ और सिर्फ सकारात्मक व सुधारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए निरीक्षण किए जाएं, जिससे शिक्षक तनाव मुक्त व भय मुक्त होकर शिक्षण कार्य कर सके,
निरीक्षण प्रातः काल में विद्यालय समयावधि के 15 या 20 मिनट उपरांत कक्षा संचालित होने पर ही किया जाए, एवं विद्यालय में निरीक्षण के दौरान कमी पाए जाने पर कमियों का कारण जानकर कमियों को दूर करने में शिक्षकों का सहयोग किया जाए,
ग्रामीण परिवेश में वास्तविक भौगोलिक स्थिति व सामाजिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए कमियों की सारी जिम्मेदारी सिर्फ शिक्षकों पर ही नहीं थोपी जाए।
4 - बच्चो के गणवेश की धनराशि उनके अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है जिसकी जिम्मेदारी अभिभावकों व अधिकारियों की है इसमें शिक्षको को कदापि दोषी मानकर कोई कार्यवाही नही की जाए।एवम चिन्हित बच्चो के अभिभावकों को विभागीय अधिकारियों / ARP / अन्य विभागीय अधिकारियों / कर्मचारियों के समन्वयन के माध्यम से गणवेश बनवाने का प्रयास किया जाए।
5 - शासनादेशो व मान0 उच्च न्यायालय के आदेशो के अनुपालन में प्रधानाध्यापक / शिक्षको को कदापि B.L.O. नही बनाया जाए, एवम BLO बनाए गए शिक्षको को अविलंब BLO कार्य से मुक्त किया जाए।
6 - जर्जर विद्यालयों की मरम्मत हेतु ग्राम विकास निधि से मरम्मत हेतु ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारियों को निर्देशित कराया जाए।
एवम ऐसे विद्यालय जिनकी छतों से वर्षा ऋतु में पानी टपकता है व विद्यालय स्टाफ व छात्र/छात्राओं को बैठने तक का स्थान नही मिलता , ऐसे विद्यालय का सर्वे कराते हुए ग्राम विकास निधि से छतों की मरम्मत कराई जाए ।
7 - कायाकल्प योजनान्तर्गत 19 पैरामीटर्स पूरे नही कर कई विद्यालयों में ग्राम प्रधानों व ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा महज कागजी खाना पूर्ति की गई है
अतः कायाकल्प योजनान्तर्गत ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारियों द्वारा किए गए कार्य की जांच कर कार्यवाही की जाए, ना कि शिक्षक को दोषी माना जाए।
8- विद्यालयों में MDM ग्राम प्रधानों द्वारा बनवाया जाता है अतः MDM गुणवत्ता पर ग्राम प्रधान या कार्यदायी संस्था की जिम्मेदारी तय की जाए, शिक्षको के विरुद्ध कार्यवाही नही की जाए, एवम विद्यालयों में भेजे गए MDM खाधान्न की सूची सार्वजनिक की जाए, जिस विद्यालय में खाद्यान्न नही है ब MDM बन्द है, उन विद्यालय में तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाये ।
एवम कोटेदारों को दिए गए खाधान्न व कोटेदारों द्वारा विद्यालयों को दिए गए खाधान्न की जांच कराकर दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाए, इससे शिक्षक का कोई संबंध नही है,न ही शिक्षक जिम्मेदार है अतः शिक्षको के विरुद्ध किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही की जाए।
9- पूर्व में विगत वर्ष NAT परीक्षा वाली उत्तर कुंजिकाओ / OMR सीट गुणवत्ता विहीन थी, जिसके स्कैन में अत्यधिक समस्या उत्पन्न हुई,
अतः 13 14 सितंबर 2023 को होने वाली NAT परीक्षा की उत्तर कुंजिकाओ / OMR सीट गुणवत्ता युक्त विद्यालयों को प्रेषित की जाए।
10 - शिक्षको की पदोन्नतियां संबंधी कार्यवाही अविलंब पूर्ण की जाए।
11 - 2023 - 24 की कंपोजिट धनराशि समय से विद्यालयों को भेजी जाए, एवम मदवार व्यय उल्लिखित कर व्यय हेतु कम से कम 30 दिन की समय सीमा नियत की जाए।
12 - ब्लाक स्तर पर संविदा पर नियुक्त विगत कई माह से बिना मानदेय के कार्य कर रहे कर्मचारियों को शीघ्रति शीघ्र मानदेय का भुगतान किया जाए, जिससे उनके परिवारजन का भरण पोषण हो सके, तथा मानदेय भुगतान में लापरवाह कर्मचारी व अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
13 - समस्त शिक्षको को प्रति सेवा वर्ष देय 1 उपार्जित अवकाश समस्त अध्यपको का अब तक दर्ज नही है अतः उनकी सेवा पंजिका पर दर्ज कराया जाय, यदि ब्लॉक /जिला स्तर से दर्ज नही हो पा रहा है तो प्रदेश स्तर से कार्य कराया जाय । व इस कार्य को समयावधि में पूर्ण न करने वाले ब्लॉक/जनपद कार्यालय के कर्मचारियों जिनके द्वारा उक्त स्थिति निर्मित हुई कठोर दंडात्मक कार्यवाही अमल में लायी जाय ।
14 - कोविड 19 में कार्य करने पर कतिपय चिन्हित शिक्षको के उपार्जित अवकाश स्वीकृत किए गए बाकी अन्य शिक्षको को उपार्जित अवकाश स्वीकृत नही किए गए , जो एक गंभीर अनियमितता को दर्शाता है
अतः कॉविड-19 में कार्य करने वाले समस्त शिक्षकों को उपार्जित अवकाश प्रदान किया जाए।
15 - ब्लॉक व जिला कार्यालय में कार्यरत समस्त कर्मचारियों की ससमय उपस्थिति सुनिश्चित की जाये यदि कोई कर्मचारी विभागीय कार्य से बाहर है तो उसका विवरण आवागमन पंजिका में अंकित किया जाये ।
16 - ब्लॉक संसाधन केन्द्रों/ संकुल केंद्रों पर शिक्षकों द्वारा प्राप्त कराई जाने वाली डाक हेतु केन्द्रों पर डाक पंजिका बनवाकर शिक्षकों की प्रत्येक डाक पत्रांक संख्या का उल्लेख कर प्राप्त की जाए।
17 - अवकाश दिवसों व विद्यालय समयावधि के बाद शिक्षको से कार्य नही लिए जाये ।
18 - .PFMS में Failed हुए PPA की धनराशि पुनः SMC खाते में वापिस भेजी जाये ।
19 - .शिक्षक संकुलों को वार्षिक देय धनराशि उनके खाते में तत्काल प्रेषित की जाय, व 2 वर्ष की समयावधि पूर्ण होने के बाद जो शिक्षक संकुल अपने दायित्व से मुक्त होना चाहते है उनको तत्काल मुक्त किया जाय ।
20 - शासनादेशों के अनुपालन में विद्यालयों में नियमित साफ सफाई हेतु सफाई कर्मचारियों को जिला पंचायत राज अधिकारी से कड़े निर्देश जारी कराए जाए।
21 - शासन की मंशा के अनुरूप कायाकल्प योजना के तहत प्रत्येक विद्यालय में 19 पैरामीटर्स की प्रतिपूर्ति अत्यावश्यक है किंतु विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन नहीं होने से कायाकल्प के अनेक बिंदु पूर्ण नहीं हो पा रहे हैं अतः जनपद के विद्युत विहीन विद्यालय में विद्युत कनेक्शन कराने हेतु शीघ्र कार्यवाही की जाए।
22 - शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त किए बिना कोई विभागीय कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की जाए एवं संबंधित शिक्षकों को कृत कार्यवाही की प्रति आवश्यक रूप से प्राप्त कराई जाए।
23 - विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति हेतु अभिभावक, संकुल प्रभारी, ARP ब्लॉक / जिला स्तर के विभागीय अधिकारी व अन्य भी पूर्ण रूप में जिम्मेदार है, इसलिए विद्यालयों में कम उपस्थित होने पर शिक्षक को ही जिम्मेदार मानकर कार्यवाही नही जाए।
24 - ARP के कर्तव्य व कार्य विद्यालयो में जाकर शिक्षकों बच्चों की समस्याओं की जानकारी लेते हुए कक्षाओं में 2 घंटे सपोर्टिव सुपरविजन करना है, इसके लिए ARP द्वारा विद्यालयो के प्रधानाध्यापक को एक दिन पूर्व विद्यालय में आने की सूचना देनी होती है, जिससे प्रधानाध्यापक बच्चों व विषयवार शिक्षक से विषयानुसार चर्चा परिचर्चा कर समस्याएं संकलित कर ARP के समक्ष रखकर निदान करने में सहयोग ले सके, किन्तु जनपद में कई ARP द्वारा सपोर्टिव सुपरविजन नही कर सिर्फ निरीक्षण कार्य किये जा रहे हैं एवं स्कूली व्यवस्थाओं में सहयोग नहीं कर सिर्फ कमियां निकालकर शिक्षकों का शोषण कर, शिक्षकों पर अधिकारिक रौब झाड़कर डराया धमकाया जा रहा है जबकि निरीक्षण ARP के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।
ARP को विद्यालयों में जाकर सिर्फ सपोर्टिव सुपरविजन करने तथा विद्यालय में जाने की एक दिन पूर्व विद्यालय के प्रधानाध्यापक को आवश्यक रूप से सूचित करने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करें।
यदि ARP द्वारा शैक्षिक सपोर्टिव सुपरविजन से इतर यदि निरीक्षण या औचक निरीक्षण की कार्यशैली अपनाई जाती है, तो शिक्षक ARP का किसी भी प्रकार का सहयोग करने या जानकारी या सूचना देने को बाध्य नहीं होगा।
25 - कार्यालय में लम्बित चयन वेतनमान पत्रावलियों का शीघ्र परीक्षण कर शिक्षकों के चयन वेतनमान स्वीकृत किए जाएं।
26 - विभागीय/ प्रशासनिक अनुमति के बिना एवं आई. डी. प्रूफ के बिना पत्रकारों, अराजक तत्वों के मनमर्जी अनुसार विद्यालयों में प्रवेश कर निजलाभार्थ शिक्षकों को डराने, धमकाने, दुर्व्यवहार करने,अनावश्यक दबाब बनाकर शोषण करने एवं विद्यालय कार्य में बाधा पहुंचाने के चलते इंस्टीट्यूशनल अधिनियम - 014, भाग - 3 के तहत कठोर कानूनी कार्यवाही किए जाने हेतु समस्त खण्ड शिक्षा अधिकारियों व समस्त प्रधानाध्यापक को निर्देश जारी कर समस्त थाना प्रभारियों को सूचित करने का कष्ट करें।
शिक्षको की उपरोक्त बिंदुवार समस्त समस्याओं / मांगो को अविलंब निस्तारण न होने की दशा में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा । ज्ञापन के दौरान ब्लॉक इकाइयों के पदाधिकारीगण व शिक्षक मौजूद रहे ।
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