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पूर्व में दिए गए मांगपत्रों पर कार्यवाही न किए जाने पर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ करेगा आंदोलन, महानिदेशक स्कूली शिक्षा को भेजा रिमाइंडर

पूर्व ज्ञापनों का निस्तारण न होने पर महासंघ करेगा आंदोलन, महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र जारी कर दी चेतावनी

लखनऊ। 17 मई। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (प्राथमिक संवर्ग) द्वारा विभिन्न शिक्षक समस्याओं के निराकरण की मांग को लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद को समय-समय पर ज्ञापन दिए गए हैं, जिनमे बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के अन्तर्जनपदीय एवं जनपद के अन्दर स्थानान्तरण की पारदर्शी व स्थायी नीति लागू कर स्थानान्तरण किये जाने के सम्बन्ध में, बेसिक शिक्षा विभाग उ०प्र० के शिक्षकों की लम्बित मांगों के सम्यक निस्तारण के सम्बन्ध में 25 सूत्री मांगपत्र, केंद्र सरकार के पेंशन मेमोरेंडम की भांति उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी मेमोरेंडम जारी किए जाने के संदर्भ में,
परिषदीय विद्यालयों में छापामार पद्धति से निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों को आतंकित और प्रताड़ित किए जाने के विरुद्ध पत्र, माननीय मुख्यमंत्री महोदय के निर्देश "परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा दी जाए" की अवहेलना कर सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा जारी सशुल्क चिकित्सा बीमा का आदेश निरस्त किए जाने के सम्बंध में, बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों की लंबित मांगों के निस्तारण के संबंध में 14 सूत्री मांगपत्र, बेसिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में वीडियो कॉल/वॉयस कॉल के माध्यम से ऑनलाइन निरीक्षण आदेश को रद्द करने के सम्बन्ध में ज्ञापन प्रमुख रूप से हैं। इन ज्ञापनों के साथ-साथ विभिन्न समयों पर एकाकी शिक्षक समस्या विशेष दिये गये ज्ञापनो पर  ना तो कोई कार्यवाही की गई और ना ही संगठन को औपचारिक रूप से ही अवगत कराया गया। इन समस्याओं का निस्तारण न करने से प्रदेश के शिक्षकों में व्यापक आक्रोश है।
             संगठन के प्रदेशीय महामंत्री भगवती सिंह ने पत्र जारी कर चेतावनी दी है कि दिनांक 26.12.2023 तक इन ज्ञापनों पर प्रभावी कार्यवाही ना करने या कार्यवाही के सम्बन्ध में औपचारिक रूप से सूचित ना करने पर संगठन धरना-प्रदर्शन के लिए विवश होगा।




                  

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