उरई। 5 अगस्त। शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिलाधिकारी व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि जनपद में परिषदीय अध्यापकों की ड्यूटी मतदाता सूची के पुनरीक्षण हेतु बी०एल०ओ० के रूप में लगायी गयी है। इसी प्रकार शिक्षकों से वर्ष भर गैर शैक्षणिक कार्य कराये जाते हैं जिससे शिक्षक अपना ध्यान अपने मूल कार्य बच्चों को पढ़ाने में नहीं लगा पाता है। बाद में अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण कर शैक्षिक गुणवत्ता के नाम पर अध्यापकों पर कार्रवाई की जाती है और अनेक प्रकारों से उसका मानसिक व आर्थिक दोहन-शोषण किया जाता है, जबकि मुख्य सचिव उ०प्र० शासन के आदेश संख्या 2229/ 79-05-2012 -3525/ 2010 दिनांक 03.09.2012, अपर मुख्य सचिव उ०प्र० शासन का आदेश संख्या- 1148/ 79/ 05/ 2017 दिनांक 01.06.2017 व इलाहबाद हाईकोर्ट के आदेश PUBLIC INTEREST LITIGATION (PIL) No. - 11028 of 2015 दिनांक 25.3.2015 में स्पष्ट निर्देश हैं कि ‘उत्तर प्रदेश नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम-2011’ लागू होने के बाद परिषदीय शिक्षकों की ड्यूटी मतदाता सूची को अद्यतन करने जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगायी जा सकती है। जिला महामंत्री इलयास मंसूरी ने कहा कि उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन कराते हुए शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी से मुक्त किया जाए जिससे शासन की मंशा के अनुरूप शिक्षक अपने मूल कार्य शिक्षण को पूरे मनोयोग से कर सकें। जिला कोषाध्यक्ष राकेश कुमार ने बताया कि ज्ञापन की प्रतिलिपि मुख्य सचिव उ०प्र० शासन व मण्डलायुक्त को भी भेजी गयी है।
प्रतिनिधिमंडल में प्रदेशीय मीडिया प्रमुख बृजेश श्रीवास्तव, जिला संगठन मंत्री तनवीर अहमद, जिला संयुक्त महामन्त्री अरविंद स्वर्णकार, जिला उपाध्यक्ष रमाकांत व्यास, जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजदेवर, ब्लॉक अध्यक्ष कदौरा राकेश कुमार, ब्लॉक महामन्त्री कदौरा विजय तिवारी आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
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