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ललितपुर : बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिला राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधि मंडल, शिक्षको की समस्याओं को निस्तारित करने की मांग



🔥प्रतिनिधि मंडल ने संगठन की मासिक पत्रिका - शैक्षिक संकल्प, BSA को भेंट की।
          
📌ललितपुर :- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उ0प्र0 के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंडल अध्यक्ष - अरविंद तिवारी व जिलाध्यक्ष - रविकांत ताम्रकार के संयुक्त प्रतिनिधित्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी - रामप्रवेश जी से मुलाकात कर शिक्षकों की समस्याओं के बारे में अवगत कराते हुए उनके निराकरण की मांग की।

   🟢 मंडल अध्यक्ष - अरविंद तिवारी ने कहा कि - शैक्षिणिक गुणवत्ता व उन्नयन हेतु निरीक्षण में विसंगति व अनियमितता पाए जाने पर शिक्षको को सुधार के 2 अवसर प्रदान किया जाए व उनका मनोबल बढ़ाया जाए, तथा निरीक्षणों में शैक्षिक सपोर्ट व  सुधारात्मक तरीके सृजित किये जाए, जिससे शिक्षक भयमुक्त होकर स्वस्थ मन से शैक्षिक कार्य कर सके।

    🟢 उन्होंने कहा कि - MDM खाद्यान्न वितरण हेतु ग्रामीण क्षेत्रो में स्थित कोटे की दुकान पर पर्याप्त खाद्यान्न की उपलब्धता नही है, प्रधानाध्यापको द्वारा खाद्यान्न की पर्चियां बच्चो को वितरित किये जाने के उपरांत बच्चो को कोटे से खाद्यान्न उपलब्ध नही हो पा रहा है।अतः ऐसी स्थिति मे खाद्यान्न की अनुलब्धता की स्थिति में ग्राम प्रधानो द्वारा MDM निर्माण सम्भव नही हो पा रहा है।

  🔴 जिलाध्यक्ष - रविकांत ताम्रकार ने कहा कि -अगस्त माह की समाप्त होने पर अद्यावधि तक विभाग द्वारा नि:शुल्क पाठ्य पुस्तके विद्यालयों में नही भिजवाई गई है अतः शासनादेश के अनुपालनार्थ निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों को रूट चार्ट तैयार कर अविलम्ब विद्यालयों में भिजवाया जाए, शिक्षकों द्वारा निज व्यय से निशुल्क पाठ्य पुस्तकों का उठान कदापि नहीं किया जाएगा।

   🔴 उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय / सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक विद्यालय तथा प्रधानाध्यापक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों के पदों पर पदोन्नति हेतु वरिष्ठता सूची तैयार की जाए।

    🔴 उन्होंने कहा कि -शासनादेशानुसार व वित्तीय संग्रह नियमों के तहत किसी भी शिक्षक/ कर्मचारी का वेतन कदापि अवरूद्ध नहीं किया जा सकता है, जब तक वह शिक्षक द्वारा कोई संगीन जुर्म / अपराध या वित्तीय अनियमितता ना की गई हो तथा उसका जुर्म या अपराध  सिद्ध होकर उसे न्यायालय / मजिस्ट्रेट से सजा ना मिली हो।
     किंतु मनमर्जी से शिक्षकों के मासिक वेतन अवरूद्ध किये जाते हैं जो अनुचित है, उन्होंने कहा कि - किसी भी शिक्षक कर्मचारी का वेतन ना रोका जाए, क्योकि उस वेतन से शिक्षक के परिवार का भरण पोषण होता है।




    🔴 गवर्नमेंट आर्डर व वित्तीय संग्रह नियम के अनुसार आकस्मिक अवकाश किसी भी नियम के अधीन नहीं है, आकस्मिक अवकाश पर रहने वाले किसी भी कर्मचारी या शिक्षक को कदापि अनुपस्थित नहीं माना जाता है व वेतन देय होता है
     कर्मचारियों / शिक्षकों को सुविधा की दृष्टि से दूरभाष, मैसेज, ऑनलाइन , ऑफलाइन सूचना आदि के माध्यम से आक0 अवकाश की सूचना विद्यालय नियत प्राधिकारी अर्थात संस्थाध्यक्ष अर्थात प्रधानाध्यापक को प्रदान किये जाने की व्यवस्था प्रदान की गई है।  किंतु विभागीय अधिकारियों द्वारा आकस्मिक अवकाश की सिर्फ ऑनलाइन सूचना को ही प्राथमिकता देकर शिक्षकों को अनुपस्थित मानते हुए कार्यवाहियां की जा रही हैं व अनावश्यक शोषण किया जा रहा है, जो पूर्णत: अनुचित है।
 उन्होंने कहा कि आक0 अवकाश कोई पूर्व नियोजित अवकाश नही है और अचानक उत्पन्न किसी भी आकस्मिक घटना की जानकारी पूर्व से शिक्षक / कर्मचारी को नहीं होती है। अतः आकस्मिक अवकाश पर होने वाले शिक्षक द्वारा सूचना चाहे ऑनलाइन या ऑफ़लाइन या मैसेज या प्रार्थना पत्र के माध्यम से दी गई हो, गवर्मेंट ऑर्डर व वित्तीय संग्रह नियमो के तहत उस शिक्षक को कदापि अनुपस्थित नहीं माना जाए।

🔴 उन्होंने कहा कि कार्यालय में लंबित चयन वेतनमान की पत्रावलियो को शीघ्राति शीघ्र निस्तारित कर शिक्षको का चयन वेतनमान अविलम्ब स्वीकृत किया जाए।

🔵 प्रतिनिधि मंडल में मंडल अध्यक्ष - अरविंद तिवारी, जिलाध्यक्ष - रविकांत ताम्रकार, मनीष कुमार, संजय तिवारी, अविनाश श्रीवास, अमित जैन, तृप्ति सिंह, नंदिता सिंह, पूजा राठौर आदि मौजूद रहे।

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