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ललितपुर : शिक्षकों का शोषण बन्द करें वरना सीएम से करेंगे शिकायत, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने दी बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को नसीहत

 बीएसए को ज्ञापन सौंपकर शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की उठाई माँग


ललितपुर ब्यूरो : राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का एक प्रतिनिधि मण्डल जिलाध्यक्ष रविकांत ताम्रकार के नेतृत्व में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से मिला और ज्ञापन सौंपा। इस दौरान संगठन ने बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों को नसीहत देते हुये दो टूक कहा कि विद्यालयों का निरीक्षण सकारात्मक व सुधारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुये किये जायें। प्रतिनिधि मण्डल ने दो टूक कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का जल्द निराकरण किया जाये। साथ ही चेताया कि यदि शिक्षकों का शोषण नहीं रोका गया तो उच्चाधिकारियों से शिकायत की जायेगी। जिलाध्यक्ष ने कहा कि कोविड ड-19 के मद्देनजर जब बच्चे स्कूल नहीं आ रहे है व स्कू ल बंद की स्थिति में शिक्षक विद्यालयी कार्यालय व ग्राम में जाकर समस्त कार्य संपादित कर रहे हैं लेकिन विभागीय अफसरा नकारात्मक दृष्टिकोण रखते हुए निरीक्षण कर रहे हैं जो अनुचित है। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की ड्यूटि लगाकर जहाँ एक ओर जानबूझकर विद्यालय बन्द किये गये हैं वहीं दूसरी ओर निरीक्षणों के माध्यम से शिक्षकों के विरुद्ध कार्यवाही की गई हैं। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों के शिक्षकों द्वारा प्रेरणा मॉड्यूल सम्बन्धी व अन्य प्रश्नों के उत्तर नहीं दिये गए किन्तु उन शिक्षकों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं की गई। वहीं दूसरी ओर अन्य स्कूलों के शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है जो पूर्णतः गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्यवाही वापस ली जायें उपार्जित अवकाश मानव सम्पदा पोर्टल पर प्रदर्शित नहीं हो रहे हैं। लिहाजा मानव संपदा पोर्टल पर त्रुटि में सुधार कराया जाये। एवं सुधार होने तक शिक्षको को ऑफलाइन उपार्जित अवकाश प्रदान किये जायें। कोविड 19 में जिन शिक्षकों की ड्यूटियाँ लगाई गई हैं उनको उपार्जित अवकाश प्रदान किये जायें व उनको सेवा पंजिका में अंकित कर पोर्टल पर अपलोड किया जाए। निःशुल्क पाठ्य पुस्तकों को रूट चार्ट तैयार कर विद्यालय दर विद्यालय भेजने की व्यवस्था की जाये, जिस हेतु शासन द्वारा एक निश्चित धनराशि विभाग को भेजी जाती है शिक्षकों द्वारा निज व्यय कराकर संकुल केन्द्रों से निशुल्क पाठ्य पुस्तकों का उठान कदापि नहीं कराया जाये । शिक्षकों व अनुदेशकों की जिला व ब्लाक स्तर कार्यालय पर गैर शैक्षणिक कार्य कराया जा रहा है जो पूर्णत: शासनादेशों व विभागीय निर्देशों के विरुद्ध है। लिहाजा अनुदेशकों से अति गोपनीय कार्यालयी कार्य कदापि नहीं कराकर उन्हें कार्यालय से तत्काल कार्यमुक्त कर मूल विद्यालय भेजा जाये । कार्यालय में अनुसूचित जाति वर्ग के शिक्षकों की चयन वेतनमान पत्रावली वर्षो से लंबित है। लिहाजा उनका चयन वेतन वेतनमान अविलम्ब स्वीकृत किया जाए। उन्होंने कहा कि शासन से मान्यता मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के अलावा जनपद में मान्यता रहित शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों को कार्यालय में बैठने तथा उनके क्रियाकलापों व गतिविधियों तत्काल रोक लगाई जाये। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के शोषण पर तत्काल अंकुश नहीं लगाया गया तो संगठन द्वारा ठोस साक्ष्यों सहित मुख्यमंत्री से शिकायत की जायेगी। इस दौरान वीरेंद्र कुमार रजक, अनिल शर्मा, अविनाश श्रीवास, देशभक्त चतुर्वेदी, संजय तिवारी, दशरथ सिंह, देवेन्द्र वर्मा मौजूद रहे । 


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