लखनऊ। 6 अप्रैल। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधि मंडल जिसमें प्रदेश कोषाध्यक्ष पवन शंकर दीक्षित, प्रदेश संयुक्त मंत्री शशांक कुमार पांडेय, प्रदेश मंत्री सुनील कुमार, लखनऊ मंडल अध्यक्ष महेश मिश्रा कार्यकारी अध्यक्ष लखनऊ मंडल रीना त्रिपाठी और संतोष वर्मा शामिल थे ने बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी से मुलाकात की और विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षकों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिए जाने की मांग की। प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक, बेसिक शिक्षा सर्वेंद्र विक्रम सिंह जी व सचिव बेसिक शिक्षा परिषद प्रताप सिंह बघेल जी से भी इसी विषय पर मुलाकात किया और उन्हें बताया कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के 46189 पदों का विज्ञापन शासनादेश दिनांक 14 जनवरी 2004 के आधार पर बी.एड./एल.टी. प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु पदों का सृजन(शासनादेश 655/79-5-2003 दिनांक 05 मई 2003), विशिष्ट बीटीसी विज्ञप्ति 2004, प्राप्त आवेदन पत्रों के आधार पर श्रेष्ठता क्रम में अभ्यर्थियों का चयन, नई पेंशन व्यवस्था लागू होने के दिनांक 1 अप्रैल 2005 से बहुत पहले मई 2004 में ही पूर्ण हो चुका था।
इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जारी शासनादेश 14 जनवरी 2004 में प्रदर्शित समय सारणी के अनुसार 6 माह का प्रशिक्षण 15 मई 2004 से प्रारंभ होकर 14 नवंबर 2004 तक पूर्ण हो जाना था।
परंतु कतिपय प्रशासनिक कारणवश यह प्रशिक्षण 2 अगस्त 2004 से प्रारंभ होकर 31 जनवरी 2005 को पूर्ण हुआ। इसके बाद 2 जुलाई 2004 को शासनादेश जारी करके स्पष्ट किया गया विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के "जिन अभ्यर्थियों का 3 माह का सैद्धांतिक तथा 3 माह का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पूरा होता जाए, परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा उनकी परीक्षा करवाकर उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की नियुक्ति सहायक अध्यापक के पद पर की जाए।"
परंतु प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात परीक्षा करवाकर नियुक्ति पत्र देने के स्थान पर अभ्यर्थियों को प्राथमिक विद्यालय से संबद्धीकरण का पत्र दिया गया, जिस कारण अभ्यर्थियों ने पुनः लगभग 11 माह(नियुक्ति तिथि तक) बंद/एकल विद्यालयों में शिक्षण कार्य किया व उसका ₹2500/- प्रतिमाह की दर से अपने खाते में मानदेय प्राप्त किया परन्तु शासन की शिथिलता की वजह से परीक्षा नियामक प्राधिकारी द्वारा भी परीक्षा आयोजन व उसका परिणाम जारी करने में विलंब किया गया जिस कारण विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के अभ्यर्थियों की जहां विद्यालयों में नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 से हो जानी थी उन अभ्यर्थियों को जानबूझकर दिसंबर 2005 के अंतिम सप्ताह में विद्यालयों में नियुक्ति दिया गया |ऐसे में विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के शिक्षक जिन्हें पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए उन्हें तत्कालीन उत्तर प्रदेश शासन की गलती का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है और पूरे प्रदेश में नियुक्त लगभग 36000 शिक्षक पुरानी पेंशन व्यवस्था से बाहर हैं |
वार्ता के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने बेसिक शिक्षा मंत्री और उक्त शिक्षाधिकारियों को विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच को पुरानी पेंशन व्यवस्था दिए जाने के सम्बन्ध में कई तकनीकी बिंदुओं से अवगत कराया गया और उन्हें बताया गया कि नई पेंशन व्यवस्था लागू होने के 'कट ऑफ डेट' से पूर्व सृजित पदों पर चयनित होकर स्टाइपेंड पा रहे अभ्यर्थियों, जिनकी नियुक्ति 'कट ऑफ डेट' के बाद में हुई है; को केंद्र सरकार ने मेमोरेंडम दिनांक 05 मार्च 2008, 17 फरवरी 2020, 25 जून 2020 व 31 मार्च 2021 जारी कर पुरानी पेंशन व्यवस्था से आच्छादित किया है।
चूंकि उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र सरकार द्वारा जारी वेतन, डी.ए. व पेंशन आदि संबंधी सभी व्यवस्थाएं राज्य में समान रूप से लागू करती है, परंतु अद्यतन ऐसा मेमोरेंडम प्रदेश सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है जिसके दुष्परिणाम स्वरूप विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच के कई शिक्षक साथी 15-20 वर्षों की सेवा के पश्चात जहां 31 मार्च 2022 व आगामी सत्रांत में सामान्य भविष्य निधि से वंचित व पेंशन विहीन सेवानिवृत्त होकर बदतर हालात में जीवन जीने को अभिशप्त होंगे।
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