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जालौन : बैंक कर्मियों की लापरवाही से बच्चे कन्वर्जन कॉस्ट की धनराशि का लाभ पाने से हुए वंचित, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने की शिकायत


जालौन। इंडियन बैंक मंडी समिति जालौन के कर्मचारियों की कामचोरी की वजह से शासन की अति महत्वपूर्ण योजना परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों के खाते में मध्यान्ह भोजन की धनराशि भेजने के  कार्य में विलंब हो रहा है। मंडी बैंक के कर्मचारियों द्वारा कभी केवल अपनी बैंक के खाताधारकों की इनवॉइस ही स्वीकार की जा रही है, तो कभी हर बैंक के लिए अलग-अलग सूची व चेक बनाकर लाने के बहाने बैंक से बार-बार शिक्षकों को लौटाया जा रहा है।
शासनादेश के अनुसार अभिभावकों के खातों में नेफ्ट/आरटीजीएस के माध्यम से धनराशि बैंक में विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा चेक व सूची के जमा करने पर ट्रांसफर किया जाना है। इस सम्बन्ध में जब शिक्षकों ने  राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला पदाधिकारियों को अवगत कराया तो जिला प्रतिनिधिमंडल ने बीएसए को ज्ञापन देकर समस्या को दूर करने की मांग की थी। जिसके क्रम में बीएसए द्वारा लीड बैंक के मैनेजर को पत्र लिखकर समस्त बैंक शाखाओं को दिशा-निर्देश भेजने को कहा गया था। परन्तु लीड बैंक के मैनेजर द्वारा अपने बैंक कर्मियों का बचाव किया जा रहा है व निर्देश जारी करने पर  बैंक कर्मियों पर ओवरलोड आने का बहाना कर लिखित निर्देश जारी करने से इनकार किया जा रहा है। मजबूरन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ  की जालौन इकाई के अध्यक्ष व प्रांतीय मीडिया प्रकोष्ठ के सदस्य बृजेश श्रीवास्तव द्वारा इस संबंध में जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत की गयी है। जिसकी जांच अभी लंबित है। अब देखना है कि बैंक कर्मियों पर शिकायत का कुछ असर पड़ता है या शिक्षकों को परेशान कर शासन की योजना को सफल  होने में बाधाएं पहुंचाना जारी रहेगा।


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