लखनऊ। 4 जुलाई। उ०प्र० सचिवालय के पारिजात सभागार में अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार जी की अध्यक्षता में बेसिक शिक्षा के अधिकारियों और मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों के बीच पूर्व निर्धारित बैठक आहूत हुई। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, शिक्षा निदेशक बेसिक प्रताप सिंह बघेल, अपर शिक्षा निदेशक बेसिक संजय यादव, ए.डी. बेसिक लखनऊ एस० के० तिवारी मौजूद रहे।
बैठक में, शिक्षक संगठनों ने मर्जर के फैसले पर अपनी आपत्तियां जताईं और इस फैसले से पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तर प्रदेश (प्राथमिक संवर्ग) के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मातादीन द्विवेदी, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह और प्रदेश मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव मौजूद रहे।
प्रदेशीय कार्यकारी अध्यक मातादीन द्विवेदी ने कहा कि विद्यालयों के मर्जर के फैसले के खिलाफ शिक्षकों में भारी आक्रोश है। मर्जर से छात्रों, विशेषकर छोटे बच्चों और छात्राओं को बहुत दूर जाना पड़ेगा, जिससे उनकी शिक्षा प्रभावित होगी।
प्रदेशीय महामंत्री भगवती सिंह ने कहा कि मर्जर से गरीब और जरूरतमंद बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन होगा। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत, प्राथमिक स्तर पर बच्चों को 1 किलोमीटर के दायरे में विद्यालय उपलब्ध कराना आवश्यक है, लेकिन मर्जर से यह संभव नहीं होगा। प्रदेशीय संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह ने शिक्षकों के अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन में की गई विसंगतियों को उजागर किया गया। विभाग द्वारा आरटीई की गलत व्याख्या कर प्राथमिक विद्यालयों में 150 से कम नामांकन पर और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 100 से कम नामांकन पर प्र०अ० को सरप्लस मानकर पूर्व से सृजित प्र०अ के पदों को समाप्त करने को नियमाविरुद्ध और अनुचित बताया।
प्रदेशीय मीडिया प्रभारी बृजेश श्रीवास्तव ने जिला स्तर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा शिक्षकों व अभिभावकों से परामर्श व प्रस्ताव के बिना ही जबरन गलत तरीके से विद्यालय मर्जर करने पर आपत्ति जताई।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा द्वारा बताया गया कि अभी अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन का प्रथम चरण सम्पन्न हुआ है। मर्जर के बाद विद्यालय की स्थिति को देखते हुए एक बार पुनः ऑनलाइन आवेदन लेकर स्वैच्छिक समायोजन किया जाएगा जिसमें छात्र-शिक्षक अनुपात और जूनियर विद्यालयों में विषयवार अध्यापकों के मानक के पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा। उसके बाद यदि आवश्यकता पड़ती है तो अनिवार्य समायोजन भी किया जाएगा जिसमें विभाग का प्रयास रहेगा कि शिक्षकों को सबसे पहले नजदीकी विद्यालय में, फिर उसी न्याय पंचायत में, उसके बाद उसी ब्लॉक में समायोजित करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि शिक्षकों के पद समाप्त नहीं किए जाएंगे इसके लिए वो लिखित में पत्र जारी करेंगी।
बैठक में शिक्षकों को भवन निर्माण जैसे गैर शैक्षणिक कार्य से पूर्णतया मुक्त करने पर सहमति बनी है और इस हेतु शीघ्र आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि मर्जर के बाद जो विद्यालय भवन खाली होंगे उसमें प्री प्राइमरी सेंटर बनाये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि जिले स्तर जिन विद्यालयों के मर्जर में मानकों जो दरकिनार किया गया है उसके बार में पूरा विवरण उपलब्ध करा दें यदि मर्जर गलत हुआ है तो उसे निरस्त किया जाएगा।
उन्होंने आश्वासन दिया कि मर्जर के बाद शिक्षकों का कोई भी पद समाप्त नहीं होगा बल्कि विभाग का प्रयास प्रत्येक कक्षा के लिए एक शिक्षक और एक कक्षा-कक्ष उपलब्ध कराने का है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही समस्त जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किया जाएगा कि मान्यता प्राप्त शिक्षक संगठनों को साथ बैठक कर समायोजन पर आपत्तियां लेकर शासन को रिपोर्ट भेजी जाए।
0 टिप्पणियाँ
शिकायत या सुझाव के लिये 9793252280 पर कॉल या मैसेज करें