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भारतीय ब्रेन ड्रेन रोककर शिक्षा में हो रहे नए प्रयोगों से समाज को अवगत कराना- सुनील अंबेकर

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की द्विदिवसीय राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला का समापन

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय मीडिया कार्यशाला के दूसरे दिन समारोप सत्र में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ. भा. प्रचार प्रमुख, सुनील अंबेकर ने कहा कि शिक्षा एवं शैक्षणिक परिसरों में अच्छा वातावरण बने, इस हेतु महासंघ सतत रूप से कार्य कर रहा है और महासंघ से समाज की अपेक्षा भी बढ़ी हैं। समय-समय पर महासंघ का मंतव्य जानने हेतु समाज में एक इच्छा जागृत हुई है। शिक्षा के साथ अन्य विषयों पर भी महासंघ की प्रभावी भूमिका होनी चाहिए। भारत की कलाएं भी संस्कृति को प्रस्तुत करती हैं। भारत का इतिहास, शिक्षा में हो रहे नए परिवर्तनों को सही तरीके से मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना आवश्यक है। शिक्षकों का सामाजिक योगदान अनुकरणीय बने।  शिक्षकों द्वारा प्रतिभावान विद्यार्थी 'ब्रेन ड्रेन' को रोककर देश हित में काम करने हेतु प्रोत्साहन मिले। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा, जो भारतीय संस्कृति पर आधारित है, उसकी जागृति में शिक्षकों की अहम भूमिका है। जीवन मूल्य स्थापित करना, शिक्षा की भारतीय अवधारणा को मीडिया के विभिन्न माध्यमों से स्थापित करना, शिक्षकों का प्रशिक्षण, पॉडकास्ट, कंटेंट तैयार करना, शिक्षाविदों का टीवी चैनल पर प्रस्तुतीकरण एवं समाचारों को महासंघ की छोटी से छोटी इकाई तक  भेजना प्रमुख है। शिक्षकों के लिए करनीय कार्य समाज हित के विषयों पर लेख लिखना और उन्हें सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया, ब्लॉग, राष्ट्रीय और प्रादेशिक मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाना है।
भारत की मिट्टी से जुड़ा विचार, जो विश्व के लिए कल्याणकारी है, उस विचार को मीडिया के माध्यम से जन जन तक ले जाना है। संगठन द्वारा मीडिया की दृष्टि से साल भर की कार्ययोजना भी तैयार करनी चाहिए। भारत आधारित विषयों  पर कंटेंट भी तैयार किया जाना चाहिए। फिर उसका मीडिया के माध्यम से सही तरीके से प्रस्तुतीकरण समाज तक जाए। मीडिया जगत में काम करने वाले विद्यार्थियों को जोड़कर संगठन की रीति नीति व गतिविधियों से समय-समय पर अवगत कराना चाहिए। हर विषय की भारतीय अवधारणा प्रस्तुत करना एवं शिक्षा का भारतीय करण करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। 
अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए महासंघ के अ.भा.अध्यक्ष प्रो.जे.पी सिंघल ने कहा कि मीडिया के विविध आयामों को जानकर कार्यकर्ताओं में समझ विकसित करने की आवश्यकता है। शिक्षक समाज परिवर्तन का वाहक है। मीडिया उपकरणों का श्रेष्ठतम उपयोग कर संगठन हित में सभी को कार्य करना चाहिए। अच्छे कार्यों को  मीडिया के माध्यम से समाज के सामने ले जाना। राष्ट्र के पुनर्निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत का विचार इतना श्रेष्ठ है, कि दुनिया भारत की तरफ देख रही है, इसे हम सभी शिक्षकों को सिद्ध करना होगा। मीडिया के माध्यम से दृष्टि परिवर्तन कर समाज में चेतना लाने की आवश्यकता है। जन-जागरण से जनमत तैयार हो सकेगा। तब निश्चय ही सकारात्मक परिवर्तन दृष्टिगोचर होगा। श्रेष्ठता की संस्कृति का विकास करने की आवश्यकता है, नीति को रणनीति में बदलना होगा, संकल्प से सिद्धि की तरफ बढ़ना होगा, कार्यकर्ता में जुनून हो, कार्यकर्ता को अपने कार्य से प्यार हो और अपने कार्य में डूब जाए तभी हमारा धेय पूर्ण हो सकेगा। शिक्षा को भारत की शिक्षा, भारत केंद्रित शिक्षा बनाने की आवश्यकता है। सत्र का संचालन मीडिया टोली सदस्य दर्शन भारती ने किया।
 

सोशल मीडिया की भाषा विशिष्ट होनी चाहिए-रोहित कौशल
तृतीय सत्र में 'सोशल मीडिया में तकनीक का उपयोग' विषय पर अ. भा. सोशल मीडिया सह-प्रमुख रोहित कौशल ने बताया कि सोशल मीडिया पर अच्छी क्वालिटी का कंटेंट बनाने हेतु अनुभव की आवश्यकता होती है। इस हेतु शिक्षकों को कंट्रीब्यूटर्स के सहयोग से सोशल मीडिया पर अपनी पकड़ व पहुंच बनानी चाहिए जिस भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करना है, उस प्लेटफार्म के कंट्रीब्यूटर्स से संपर्क बढ़ाना चाहिए। सोशल मीडिया पर खड़े प्रश्नों के काउंटर जवाब देने के बजाय अधिक से अधिक प्रश्न खड़े करने चाहिए। एक समय के पश्चात खड़े किए गए प्रश्न ही मुद्दे बन जाते हैं। हमारा विचार एवं गुरुकुल शिक्षा पद्धति हमें सकारात्मकता की तरफ ले जाती है और वास्तव में जीवन जीना सिखाती है। इसी विचार को हमें सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक ले जाना है। ट्विटर हमेशा विश्लेषण देता है, इसलिए ट्विटर से ही कार्यारंभ करना चाहिए। शिक्षकों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार हेतु शिक्षकों की एक विशेष टोली तैयार करनी चाहिए, जो मासिक सोशल मीडिया कार्यक्रम आयोजित करे व सप्ताह में एक दिन निश्चित कर ट्विटर पर अभियान चलाए। सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स बढ़ाने,पोस्ट वायरल करने, सोशल मीडिया की भाषा, सोशल मीडिया में अच्छी क्वालिटी का कंटेंट आदि विषयों पर गहराई से प्रकाश डाला। सत्र का संचालन अ. भा. सह-मीडिया प्रमुख बसंत जिंदल ने किया। 
सत्र के प्रारम्भ में संगठनात्मक चर्चा करते हुए अ.भा. संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि शिक्षा, संगठन व समाज हमारा केंद्र बिंदु है। शिक्षकों को शिक्षा, संगठन व समाज हित में मीडिया के माध्यम से कार्य करना चाहिए। हमारा धेय राष्ट्रहित सर्वोपरि है। मीडिया के माध्यम से संगठन को गतिमान, मतिमान व कीर्तिमान बनाने की आवश्यकता है। टोली में प्रत्येक कार्यकर्ता अपने विशिष्ट कार्य के अनुसार संगठन को गति देता है। मीडिया में संगठन की प्रभावी उपस्थिति हो इस हेतु अखिल भारतीय, राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय टोली तैयार कर मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर उपस्थिति दर्ज कराने की आवश्यकता है। 
अ. भा. मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।  कार्यक्रम में सरस्वती वंदना बसंत जिंदल द्वारा एवं संगठन गीत देवकृष्ण व्यास द्वारा प्रस्तुत किया गया। 
इस अवसर पर राष्ट्रीय महामंत्री शिवानन्द सिन्दनकेरा, दर्शन भारती, उ०प्र० राज्य मीडिया प्रकोष्ठ प्रभारी राजदेव तिवारी, सदस्य मुकेश शर्मा, बृजेश श्रीवास्तव सहित 215 कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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