वाराणसी। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ जनपद वाराणसी का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संयुक्त मंत्री/ जिलाध्यक्ष वाराणसी शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" के नेतृत्व में वाराणसी खंड स्नातक विधायक आशुतोष सिन्हा जी के साथ वाराणसी में कोरोना से संक्रमित दिवंगत शिक्षकों/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के आश्रितों से मिलने पहुंचा उनके घर
आज राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश संयुक्त मंत्री/ जिलाध्यक्ष वाराणसी शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" के नेतृत्व में वाराणसी खंड स्नातक विधायक आशुतोष सिन्हा जी के साथ त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कोरोना से संक्रमित होकर दिवंगत हुए शिक्षकों-कर्मचारियों के आश्रितों से मिलने उनके घर पहुंचा जिसमें राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी के जिला उपाध्यक्ष ज्योति प्रकाश, नगरक्षेत्र के संरक्षक तपन पांडेय तथा चांदपुर के ग्राम प्रधान ओमप्रकाश सिंह शामिल थे |
आज की मुलाकात के दौरान सभी मृतक आश्रितों से जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" और जिला उपाध्यक्ष ज्योतिप्रकाश ने बताया कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने उनके जीवन यापन के लिए नौकरी के साथ ही एक करोड़ का मुआवजा और ग्रेच्युटी की सरकार से मांग किया है |जिसको पूरा कराने के लिए वह एम एल सी के साथ मिलकर हर तरह का संघर्ष करेंगे |
इसी कड़ी में एम एल सी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि वे भी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मांगों का समर्थन करते हैं और इसको पूरा कराने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखेंगे और मामले को विधानसभा में उठायेंगे तथा हर तरह का संघर्ष करेंगे |आगे कहते हुए एम एल सी ने कहा कि मैं वाराणसी समेत अपने खंड के सभी आठ जनपदों के स्नातकों का विधायक हूं भले ही वह किसी भी राजनैतिक विचारधारा को मानते पर मेरा यह नैतिक कर्त्तव्य है कि मैं सभी की चिन्ता करूं |एम एल सी ने कहा कि वह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मृतक सभी शिक्षकों कर्मचारियों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा और नौकरी दिलवाने के लिए सरकार से हर तरह का प्रयास करेंगे यदि यह सरकार नहीं मानेगी तो वह अपनी पार्टी समाजवादी की सरकार बनने पर इन सभी दिवंगतों को न्याय दिलवायेंगे।
मृतक आश्रितों से मुलाकात के प्रथम चरण में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का प्रतिनिधिमंडल और विधायक आशुतोष सिन्हा सर्वप्रथम जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय में स्टेनो के पद पर कार्यरत स्वर्गीय गिरीश चंद्र श्रीवास्तव के दशमी खोजवा स्थित आवास पर पहुंचा और उनकी पत्नी इंदू श्रीवास्तव और उनके बच्चों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त किया जिस दौरान इंदु श्रीवास्तव जी ने कहा कि उन्हें इस बात का बेहद अफसोस है कि मेरे पति चले गये पर जिस आफिस में वह कार्य करते थे वहां के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी आज तक हमलोगों की सुधि लेने नहीं आए |आगे बोलते हुए इंदु जी ने कहा कि मेरा एक बेटा छोटा है इसलिए उसके देखभाल के लिए मुझे घर पर ही रहना होगा इसलिए मेरे बड़े बेटे को अनुकंपा नौकरी दिलवाने की कृपा की जाय जिस पर एम एल सी आशुतोष सिन्हा और जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" ने कहा कि ऐसा ही करवाया जायेगा |
उसके बाद प्रतिनिधिमंडल प्राथमिक विद्यालय जोल्हा नगरक्षेत्र में शिक्षक के पद पर कार्यरत रहे स्वर्गीय अनंत कुमार राय की पत्नी निधि राय और दस वर्षीय पुत्र सौभाग्य सांकृत से मिलने उनके आवास पर पहुंचा जहां और अपनी शोक संवेदना व्यक्त किया इस दौरान श्रीमती निधि राय ने कहा कि मै बीएससी,बीएड हूं मुझे शिक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति मिले जिससे मैं सम्मानजनक तरीके से अपने बच्चे का पालन पोषण कर सकूं इसी पद के लिए मैने बीएसए आफिस में अपना आवेदन भेजा है जिस पर एम एल सी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि मैं बीएसए वाराणसी से इस विषय में बात करुंगा तथा उत्तर प्रदेश शासन से भी लिखित पत्र देकर कहुंगा कि वह आपकी योग्यता को देखते हुए शिक्षक का पद दे इस दौरान जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" ने बताया कि आपलोगों के पेंशन तथा बकाया देयकों के भुगतान के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ पत्रावलियां तैयार करा रहा है जिसे शीघ्र बीएसए वाराणसी को उपलब्ध करा दिया जायेगा..अनंत राय जी राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ वाराणसी नगरक्षेत्र के महामंत्री थे उनके न रहने की कमी तो हमलोग पूरी नहीं कर सकते पर आपके समस्त अधिकारों को हर हाल में दिलवाया जायेगा।
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल मंडल शिक्षक स्वर्गीय आनंद भाई पटेल के गांव रम्सीपुर पहुंचकर उनकी पत्नी सुनीता पटेल और उनकी दो बेटियों और एक बेटे से मिलकर संवेदना व्यक्त किया इस दौरान सुनीता पटेल बताया कि उन्होंने बीएसए कार्यालय में अनुकंपा नौकरी के लिए आवेदन कर दिया है जिसके क्रम में उन्हें यदि उनके गांव के बगल में स्थित जूनियर हाईस्कूल ढ़ोलापुर में चतुर्थ श्रेणी की नौकरी मिल जायेगी तो अच्छा रहेगा जिस पर एम एल सी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि इसके लिए वे जिलाधिकारी एवं बीएसए से अवश्य बात करेंगे |
आखिर में प्रतिनिधिमंडल प्राथमिक विद्यालय बिहड़ा सेवापुरी में शिक्षक रहे स्वर्गीय सुनील चक्रवाल के चांदपुर स्थित आवास पर उनकी पत्नी रंजना चक्रवाल और उनके दो बच्चों से मिलने पहुंचा जहां रंजना चक्रवाल ने राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल और एम एल सी आशुतोष सिन्हा को बताया कि उनके पति स्वर्गीय सुनील चक्रवाल जी की एकतरह से हत्या की गई है क्योंकि वे बीमार थे चुनाव के दिन जाने की स्थिति में नहीं थे फिर भी उन्हें अधिकारियों ने जबरदस्ती चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी बनाकर मतदान केंद्र प्रा० वि० चित्रसेनपुर पर भेजा गया जहां मतदान केंद्र पर वे दोपहर 12 बजे बेहोश हो गये परंतु उनको कोई इलाज की व्यवस्था दिये बिना मतदान केंद्र के बाहर सड़क पर कड़ी धूप में पांच घंटे तक लिटाये रखा गया और मुझे भी समय से सूचना नहीं दिया गया नहीं तो मैं उन्हें खुद इलाज कराकर बचा लेती |मुझे उनके बेहोश होने के छः घंटे बाद बताया गया जिसकी वजह से उनको बचाने का कीमती समय निकल गया और वे बच नहीं पाए |ऐसे में मुझे न्याय मिलना चाहिए जिस पर एम एल सी आशुतोष सिन्हा ने कहा कि वह इस मामले को विधानसभा में उठायेंगे क्योंकि यह प्रकरण जानबूझकर की गई हत्या का है तथा इस विषय को वे अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के भी संज्ञान में लायेंगे |
रंजना चक्रवाल जी से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिलाध्यक्ष शशांक कुमार पाण्डेय "शेखर" ने कहा कि यह अधिकारियों की संवेदनहीनता का सबसे बड़ा उदाहरण है नहीं तो इन लोगों के लिए किसी के जान से बढ़कर चुनाव कराना ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं होता इन्हीं अधिकारियों और साथी कार्मिकों के अमानवीय कृत्य और लापरवाही से आज सुनील चक्रवाल जी इस दुनिया में नहीं हैं पर उनको न्याय दिलवाने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ 19 अप्रैल से ही लगा है शीघ्र ही सुनील जी के प्रकरण पर प्रदेश नेतृत्व से सलाह मशविरा करके कठोर कदम उठाया जायेगा |
0 टिप्पणियाँ
शिकायत या सुझाव के लिये 9793252280 पर कॉल या मैसेज करें