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वाराणसी : प्राथमिक शिक्षा के उत्थान एवं भ्रष्टाचार विहीन समाज के निर्माण में शिक्षिकाओं की भूमिका विषयक पर आयोजित हुई गोष्ठी, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग की महिला प्रकोष्ठ का गठन



वाराणसी :  13 दिसंबर।  पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग जनपद वाराणसी के तत्वावधान में विश्वनाथ गार्डन मंडुवाडीह वाराणसी में प्राथमिक शिक्षा के उत्थान एवं भ्रष्टाचार विहीन समाज के निर्माण में शिक्षिकाओं की भूमिका विषयक गोष्ठी एवं राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग की महिला प्रकोष्ठ का गठन किया गया|


कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के 
 संस्थापक सदस्य श्री कृष्णा नंद दुबे जी अध्यक्ष के रूप में, बीएचयू शिक्षा संकाय के प्रोफेसर डॉ लालता प्रसाद जी मुख्य अतिथि के रूप में,डा० रमा रूखैयार जी मुख्य वक्ता के रूप में तथा धीरज गुप्ता और नागेश शांडिल्य जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे|

 कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक शशांक कुमार पांडेय ने तथा धन्यवाद ज्ञापन सह संयोजक राजीव कुमार श्रीवास्तव ने किया|


कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए प्रोफेसर लालता प्रसाद ने कहा की प्राथमिक शिक्षा के उन्नयन में महिला शिक्षकों की भूमिका सबसे बड़ी है क्योंकि प्राथमिक शिक्षा उन बच्चों को दी जाती है जो अबोध है कोरे कागज के समान है जिन्हें किसी भी तरह की पुर्व समझ नहीं होती है उन्हें पूरे मममत्व के साथ अक्षर ज्ञान भाषा ज्ञान अंको का ज्ञान कराने की आवश्यकता होती है जो महिला शिक्षकों से बेहतर किसी और के माध्यम से नहीं हो सकती आगे बोलते हुए लालता प्रसाद जी ने कहा कि समाज में भ्रष्टाचार विहीन व्यवस्था लाने के लिए संस्कार युक्त शिक्षा की जरूरत है जो प्राथमिक शिक्षिकाओं के द्वारा ही दी जा सकती है क्योंकि वे उन अबोध बच्चों को पढ़ाती हैं जिनमें संस्कारों का बीजारोपण किया जाना होता है जिससे समाज में आदर्श की स्थापना हो सके और भ्रष्टाचार विहीन समाज की संरचना हो सके अपने | मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए डा० रमा रुखैयार ने कहा कि हम शिक्षिकाएं केवल समाज को नई दिशा नहीं देती हैं अपितु राष्ट्र को श्रेष्ठ नागरिक देने का प्रयास करती हैं क्योंकि हम कच्ची मिट्टी के समान उन बच्चों को अपनी शिक्षा के माध्यम से गढ़ने का काम करते हैं जो कोरे कागज के समान होते हैं हमारे द्वारा दिए गए शिक्षा का प्रभाव न केवल उनके पूरे जीवन पर पड़ता है अपितु पूरे समाज पर पड़ता है इसलिए हम लोग कोशिश करते हैं की छात्रों में संस्कार के साथ साथ सद् शिक्षा का विकास हो |विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए नागेश शांडिल्य ने कहा कि भ्रष्टाचार विहीन समाज शिक्षिकाओं के बिना बनना असंभव है |अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए कृष्णानंद दूबे ने कहा महिला विंग का गठन राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की उस परिकल्पना का मूर्त रूप हैं जहां हम मानते हैं कि महिलाएं ही चरित्र और संस्कार का आरोपण अपने उन नौनिहाल छात्रों में कर सकती हैं जो प्राथमिक शिक्षा उनसे ग्रहण करते हैं | आज के कार्यक्रम में विषय स्थापना डा संजय गुप्ता ने तथा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के विचारधारा और कार्यक्रम की जानकारी जिला सह संयोजक आनंद सिंह ने दिया।

 कार्यक्रम में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ प्राथमिक संवर्ग वाराणसी की महिला विंग का गठन किया गया जिसमें डॉ रमा रूखैयार को जिलाध्यक्ष, गीता गुप्ता को वरिष्ठ उपाध्यक्ष ,जया श्रीवास्तव प्रतिमा सिंह सुनीता दीक्षित को उपाध्यक्ष, सुधारानी को महामंत्री ,अनुराधा सिंह को कोषाध्यक्ष, मंजू सिंह को संयुक्त महामंत्री, शशि कला और सुरेखा गुप्ता को मंत्री तथा सुनीता चतुर्वेदी को संगठन मंत्री बनाया गया |

 कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक एवं शिक्षिकाएं उपस्थित थे जिसमें प्रमुख रूप से शशांक कुमार पांडेय, दिनेश चंद्र सत प्रकाश पाल आनंद सिंह आशा पाठक रितु ओबराय डॉ रमा रूखैयार उपेंद्र नाथ पांडे सुधारानी गणेश गुप्ता नागेंद्र सिंह तपन पांडे अनुराधा सिंह अनंत राय जया श्रीवास्तव नंदलाल मोर्य संजीव त्रिपाठी आशुतोष पांडे राजेश चौबे दिनेश कुमार शशिभूषण त्रिपाठी जगदीश वर्मा अनिल कुमार विजय सिंह प्रमोद पांडे सुमन पांडे जया सिन्हा गीता गुप्ता सुरेखा गुप्ता सुनीता दीक्षित कुमुद सिंह रीना वर्मा रश्मि वर्मा सहित तमाम शिक्षक उपस्थित थे।

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